*********************
नीड़ बन गये प्राण
पनपी वहाँ नई जान
जीवन गति समेटे
नीड़ की ओट में लेटे
तैयार था भरने उड़ान
उड़ गया जो पंख पसारे
पर नीड़ न कभी ख़ाली होगा
गूंजेंगी चहक चहुँ ओर यादें
थका हुआ फिर यहीं आयेगा
नीड़ की ओट में लेटे
सदा आन्नदित ख़ुद को पायेगा
क्षितिज पाने फिर फिर जायेगा
नीड़ न कभी ख़ाली होगा।
..........रश्मि किरण
३०/१२/१५
{This website is for the love of Hindi India and positivity It can be a language tutor . A beautiful person with beautiful heart and soul can receive the positivity of this site . Articles of this site will help you as a life coach School . Your support and love for this site can make it a best selling Author Store}
Comments