पूनम की सुबह
चांदनी रात की सुबह
किस्से कहानियों में सुने पूनम की रात सा रहस्यमयी एहसास दिलाती है
सुबह होने ही वाली है या की सुबह हो चुकी है
सूरज निकलने हीं वाला है या कि निकल कर चांद को अपनी सारी रोशनी देकर कहीं छुप सा गया है
चांदनी से नहाया पेड़ पौधा फूल वैसा नहीं दिखता जैसे कि सूरज की रोशनी में धुल कर... हो सकता है चांद की रोशनी में दिखता हुआ हर चीज कहीं ना कहीं कुछ अपने में छुपाए हुए रहता है आखिर चांदनी रात की जो सहेली है और निशा अपने काले जुल्फों में सब छुपा लेती है ...चांदनी फिर कैसे उसके कुछ गूढ़ रहस्यों को उजागर होने दे सकती है इसीलिए चांद से धुला हुआ पूरा मंजर तिलस्मी दिखता है और कुछ रात सा लगता है कुछ दिन सा कुछ पहचाना कुछ अजनबी सा
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