rashmi kiranOct 3, 20191 min readमेरे सखा देख न ले कोई बाते न बनाये न दे मुझको ताना विरह वेदना कैसे कहूँ पी ने होने दिया तनहा ना कहीं रुसवा न कर दे तेरे नाम से मुझे ज़माना आगोश में छुपा हरदम रखा मेरा साईं पिया रे राही की पोटली (कविताएं)13 views0 comments7 likes. Post not marked as liked7
देख न ले कोई बाते न बनाये न दे मुझको ताना विरह वेदना कैसे कहूँ पी ने होने दिया तनहा ना कहीं रुसवा न कर दे तेरे नाम से मुझे ज़माना आगोश में छुपा हरदम रखा मेरा साईं पिया रे