rashmi kiranOct 3, 20191 min readरात का पहर झूठे रिश्तों की बहे नहर नहर धोखे की देखो उठे लहर लहर जीवन कच्ची है चंद सांसों की अर्थी चार काँधे चली डगर मगर राही की पोटली (कविताएं)15 views0 comments6 likes. Post not marked as liked6
झूठे रिश्तों की बहे नहर नहर धोखे की देखो उठे लहर लहर जीवन कच्ची है चंद सांसों की अर्थी चार काँधे चली डगर मगर