rashmi kiranOct 3, 20191 min readशाश्वत है प्रेम रह ना पायी पास चली गयी बहुत देर तक तकती रह गयी याद है आप मुझे मना करोगी डर भी कि कहीं न स्विकार करोगी पर मैं तोड़ लाई हूं देखो बस बताने कि यह तुम सा है देखो राही की पोटली (कविताएं)11 views0 comments8 likes. Post not marked as liked8
रह ना पायी पास चली गयी बहुत देर तक तकती रह गयी याद है आप मुझे मना करोगी डर भी कि कहीं न स्विकार करोगी पर मैं तोड़ लाई हूं देखो बस बताने कि यह तुम सा है देखो