top of page
  • Writer's pictureadmin@sahityakiran

भाषा की परिभाषा समझने की कोशिश

Updated: May 31, 2021

भाग 1

भाषा शब्द संस्कृत के भाष धातु से बना है भाष का अर्थ होता है बोलना

अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए लगभग प्रकृति के हर जीव कोई ना कोई तरीका अपनाते हैं चाहे वह तरीका इशारों का हो या वह तरीका ध्वनि का पशु पक्षियों विभिन्न प्रकार की ध्वनि और विभिन्न प्रकार के सांकेतिक इशारों के द्वारा अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने में और दूसरे के विचारों को समझने में प्रयोग करते हैं किसी भी माध्यम के द्वारा अपने विचारों के आदान-प्रदान को भी हम भाषा कहते हैं इससे हम कह सकते हैं कि भाषा एक साधन है जो सभी जीव जंतुओं द्वारा अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए प्रयोग में आता है

विचारों के आदान-प्रदान के साधन के रूप में ध्वनि का प्रयोग सबसे महत्वपूर्ण है मुख से निकलने वाली ध्वनि भाषा के रूप में प्रमुख है ध्वनियों को एक व्यवस्थित रूप में प्रयोग करना एक खास तरह की भाषा की उत्पत्ति करता है किसी एक खास देश या समाज या समूह के लोग अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए विशेष प्रकार की ध्वनि का प्रयोग करते हैं और ध्वनि समूह के व्यवस्थित रूप को हम भाषा कहते हैं या बोली कहते हैं या वहां की जवान कहते हैं या वाणी कहते हैं



विश्व भर में हजारों प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं सभी भाषाओं में समानता हो ऐसा नहीं होता है लोग एक दूसरे की भाषाओं को नहीं समझ पाते हैं अपने समाज अपने लोगों के और अपने देश की भाषा को लोग समझ जाते हैं क्योंकि जन्म से ही वह उसी भाषा के प्रयोग के आदी होते हैं जिन भाषाओं को हम नहीं समझ पाते हैं थोड़ी सी अध्ययन और कोशिशों के द्वारा हम विभिन्न न समझ में आने वाली भाषाओं को भी सीख सकते हैं भाषाओं के अध्ययन के लिए भाषाओं को कई शाखाओं में बाँटा गया है उनके भी कई वर्ग है और वर्गों में भी कई उप वर्ग है एक देश की भाषा उस देश के कई प्रांतों की अलग-अलग भाषा प्रांतों में भी छोटे-छोटे समूहों की अलग उप भाषाएं और बोलचाल की अलग तरह की बोलियाँ

भाषा की सबसे छोटी इकाई बोली होती है यह एक छोटे सीमित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के द्वारा बोली जाती हैं इसे कोई विशेष दर्जा नहीं दिया जाता है छोटे-छोटे क्षेत्रों को मिलाकर जो प्रांत बनता है संपूर्ण प्रांत के लोग अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए जिस भाषा का प्रयोग करते हैं वह विभाषा कहलाती है-सभी छोटे प्रांतों को मिलाकर राज्य बनता है राज्यों को मिलाकर राष्ट्र बनता है और एक राष्ट्रीय के सभी प्रांतों के लोग और छोटे छोटे क्षेत्रों के लोग अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए राज-भाषा या राष्ट्र-भाषा का प्रयोग करते हैं

इतिहास जिस तरह से समय के साथ बदलता रहता है उसी प्रकार से भाषाओं में भी समय का परिवर्तन दिखाई पड़ता है जैसी भाषाएं आज से 100 साल पहले बोली जाती थी शायद ऐसी भाषा का प्रयोग और वैसे ध्वनि समूहों का प्रयोग अब कम मिलता हो या बिल्कुल ही नहीं मिलता बहुत से नए शब्द समय के साथ-साथ भाषाओं में जुड़ते चले जाते हैं


{This website is for the love of Hindi India and positivity It can be a language tutor . A beautiful person with beautiful heart and soul can receive the positivity of this site . Articles of this site will help you as a life coach School . Your support and love for this site can make it a best selling Author Store}


28 views0 comments

Recent Posts

See All
bottom of page